Jharkhand pension : एक महत्वपूर्ण घोषणा में, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने जनजातियों और दलितों के लिए वृद्धावस्था पेंशन की पात्रता आयु को पिछले 60 वर्ष से 50 वर्ष कर दिया है।
सीएम हेमंत सोरेन के अनुसार, उनकी सरकारने 36 लाख लोगों को पेंशन प्रदान की है – ज्यादातर उन व्यक्तियों को, जो 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं। एक महत्वपूर्ण घोषणा में, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने जनजातियों और दलितों के लिए वृद्धावस्था पेंशन के पात्रता आयु को पिछले 60 वर्ष से कम करके 50 वर्ष कर दिया है
सरकार ने तय किया है कि 50 वर्ष की आयु में पहुंचने पर जनजातियों और दलितों को पेंशन का लाभ प्रदान करना है। सोरेन ने यह कहते हुए एक कार्यक्रम में भाषण किया, “उनमें मृत्यु दर अधिक है और वे 60 वर्ष के बाद रोजगार प्राप्त नहीं कर पाते हैं।” साथ ही उन्होने यह भी कहा कि , “हमारी सरकार के चार वर्षों में, हमने 60 वर्ष से अधिक आयुवालों, 18 वर्ष से अधिक आयुवाली विधवाओं और शारीरिक विकलांग व्यक्तियों को 36 लाख लोगों को पेंशन लाभ प्रदान किया है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार लोगों के कल्याण के लिए निरंतर काम कर रही है और कई योजनाएं पहली बार लागू की जा रही हैं, जिसमें उनकी सरकार लोगो तक संपर्क कार्यक्रम ‘आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार’ शामिल है, जिसके तहत सरकारी योजनाओं के लाभ गाँववालों के दरवाज़े पर पहुंचाए जा रहे हैं
इसी बीच, इस साल सितंबर में, झारखंड सरकार ने अपनी सामान्य पेंशन योजना के तहत Transgender community को शामिल करने का निर्णय लिया, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें समाज के मुख्यधारा में लाने का यह एक कदम है । महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा (WCDSS) विभाग के अनुसार, Transgender community को पेंशन योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें उपायुक्त जनपद कार्यालय से प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा।
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