Jharkhand tourist place : झारखंड, पूर्वी भारत का एक खूबसूरत राज्य है, जो अपने समृद्ध आदिवासी संस्कृति, घने जंगलों, झीलों और पहाड़ियों के लिए जाना जाता है। यहां पर्यटकों के लिए घूमने की कई बेहतरीन जगहें हैं। आइए झारखंड के कुछ पर्यटन स्थलों को जानते हैं ।
बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर, देवघर (Baidhnathdham Mandir Deoghar) :
झारखंड के देवघर में, जहां पवित्र नदी दामोदर बहती है, स्थित है बाबा बैद्यनाथ धाम, जिसका नाम सुनते ही आत्मा आह्लादित हो जाती है। हिंदू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, यह पवित्र स्थान सदियों से भक्तों को अपनी ओर खींचता रहा है। बाबा बैद्यनाथ धाम सिर्फ मंदिर नहीं, बल्कि आस्था का अथाह सागर है। प्राचीन मंदिर के गर्भगृह में 5 फीट लंबा ज्योतिर्लिंग विराजमान है, जिसके दर्शन मात्र से ही आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। हर सोमवार और सावन मास में यहां होने वाला बाबा बैद्यनाथ का श्रृंगार और जलाभिषेक देखना एक अविस्मरणीय अनुभव है। श्रद्धालुओं की लहर, भजनों का गुंजार और घंटियों की टंकार पूरा वातावरण भक्तिमय बना देता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब रावण ने सीता का हरण किया तब भगवान शिव यहां प्रकट हुए और उनकी सहायता की। तभी से यह स्थान अत्यधिक पवित्र माना जाता है। माना जाता है कि यहां दर्शन और पूजा करने से न सिर्फ पापों का नाश होता है, बल्कि मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
पारसनाथ पहाड़ी(Parasnath):
झारखंड के गिरीडीह जिले में, 1350 मीटर की ऊंचाई के साथ आकाश को छूता हुआ पारसनाथ पहाड़ भारत के सबसे आकर्षक और पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। यह स्थान खासकर जैन धर्म के लिए अत्यधिक महत्व रखता है, क्योंकि 24 जैन तीर्थंकरों में से 20 ने यहीं मोक्ष प्राप्त किया था। पहाड़ी की चोटी पर 20 किलोमीटर लंबी ट्रैकिंग एक चुनौतीपूर्ण लेकिन फायदेमंद अनुभव है। पहाड़ की सबसे ऊंची चोटी पर 84 गुमटियों (मंदिरों) का सुंदर परिसर स्थित है, जो जैन तीर्थंकरों को समर्पित हैं। मधुबन से शुरू होकर चार अलग-अलग मार्ग चोटी तक जाते हैं। यात्रा के दौरान घने जंगलों से गुजरना, पहाड़ी नदियों को पार करना और मनोरम दृश्यों का आनंद लेना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है। चोटी पर पहुंचने पर सभी थकान छूमंतर हो जाती है और आध्यात्मिक शांति का अनुभव होता है। पारसनाथ पहाड़ आध्यात्मिकता के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता का खजाना भी है। घने जंगल, झरने, चाय के बागान और हरे-भरे घास के मैदान प्रकृति प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। ट्रेकिंग, बर्ड वॉचिंग, फोटोग्राफी और जंगल सफारी यहां कुछ लोकप्रिय गतिविधियां हैं।
पारसनाथ पहाड़ी की तलहटी में मधुबन स्थित है। जहाँ भगवान महावीर का निर्वाण स्थल, जहाँ उनकी 31 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित है और साथ ही कई मनमोहक मंदिर है मधुबन से कुछ किलोमीटर दूर स्थित उसरी एक शानदार जलप्रपात है ।
जगन्नाथ मंदिर, रांची:
झारखंड की राजधानी रांची में स्थित जगन्नाथ मंदिर भव्यता और आध्यात्मिकता का अद्भुत मिश्रण है। 17वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित है। यह मंदिर उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है और इसकी भव्यता देखते ही बनती है। मंदिर का निर्माण विशालकाय पत्थरों से किया गया है और इसकी वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमाएं विराजमान हैं। इन प्रतिमाओं को हर दिन भव्य रीति से सजाया जाता है और भक्तों के दर्शन के लिए खोला जाता है।हर साल रथ यात्रा का उत्सव यहाँ बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को भव्य रथों में सजाकर शहर में घुमाया जाता है। लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं और भगवान के दर्शन का आनंद लेते हैं।
सूर्य मंदिर, नेतरहाट:
नेतरहाट, झारखंड का एक मनोरम पर्यटन स्थल, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यहाँ स्थित सूर्य मंदिर, अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के कारण, पर्यटकों का विशेष आकर्षण का केंद्र है।
यह मंदिर 10वीं शताब्दी में निर्मित माना जाता है और भगवान सूर्य को समर्पित है। मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है और यह अपनी भव्यता और कलात्मकता के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान सूर्य की भव्य प्रतिमा स्थापित है, जो सोने की किरणों से जगमगाती है।
मंदिर नेतरहाट की चोटी पर स्थित है, जिसके कारण यहाँ से आसपास के क्षेत्र का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। दूर-दूर तक फैले हुए हरे-भरे जंगलों, पहाड़ों और झरनों की सुंदरता देखने लायक है।
सूर्य मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। हर साल, भगवान सूर्य की जयंती के अवसर पर यहाँ एक भव्य मेला आयोजित किया जाता है। इस मेले में देशभर से श्रद्धालु भाग लेते हैं और भगवान सूर्य की पूजा करते हैं।
पतरातू घाटी(Patratu):
पतरातू घाटी, झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित, प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। घने जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों और नदियों से घिरी यह घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
घाटी में घुमावदार सड़कों से गुजरते हुए, आप हरे-भरे पहाड़ों, घने जंगलों और शांत झीलों का मनोरम दृश्य देख सकते हैं। यहाँ का वातावरण शांत और मनमोहक है, जो आपको शहरों की भागदौड़ से दूर एक सुकून भरा अनुभव प्रदान करता है।
पतरातू घाटी में आप कई तरह की गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। ट्रेकिंग, बर्ड वॉचिंग, कैम्पिंग, बोटिंग और फोटोग्राफी यहाँ कुछ लोकप्रिय गतिविधियां हैं। यहाँ आप प्रकृति के करीब आ सकते हैं और उसकी शांति का अनुभव कर सकते हैं।
- पतरातू बांध:
घाटी में स्थित पतरातू बांध एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। आप बांध में नौका विहार का आनंद ले सकते हैं या बांध के किनारे बैठकर शांत वातावरण का अनुभव कर सकते हैं।
- पंचवाहिनी मंदिर:
पतरातू घाटी में स्थित पंचवाहिनी मंदिर एक प्राचीन मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।
हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान:
हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान भारत के झारखंड राज्य में स्थित एक संरक्षित क्षेत्र है। यह 1955 में स्थापित किया गया था और यह 184 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह उद्यान अपने समृद्ध वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें बाघ, हाथी, भालू, हिरण और कई प्रकार के पक्षी शामिल हैं।
हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान साल, सागौन, और पलाश सहित विभिन्न प्रकार के पेड़ों का घर है। यहाँ विभिन्न प्रकार के जानवर भी पाए जाते हैं, जिनमें बाघ, तेंदुआ, हाथी, भालू, जंगली सूअर, हिरण, नीलगाय, और कई प्रकार के पक्षी शामिल हैं।हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान भारत के कुछ बेहतरीन बाघों का घर है। यहाँ बाघों की अच्छी संख्या है और बाघों को देखने का मौका काफी अच्छा है।
हुंडरु फॉल्स (Hundru falls):
झारखंड के रांची जिले में, झमझमाते सुबरनरेखा नदी के सीने पर, स्थित है हुंडरु फॉल्स, जो अपनी मनमोहक सुंदरता से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। 322 फीट की विराट ऊंचाई से नीचे गिरता प्रपात का सफेद फेन झिलमिलाता हुआ, आसपास के जंगल को धुंध से भर देता है, और हवा में एक ताज़गी घोल देता है। हुंडरु फॉल्स सिर्फ एक जलप्रपात नहीं, बल्कि प्रकृति का जादुई नमूना है, जो आपके दिल को छू लेगा और यादें जिंदगी भर साथ रहेंगी।
हुंडरु फॉल्स तक पहुंचने के लिए 700 से अधिक सीढ़ियां उतरनी पड़ती हैं। यह ट्रेकिंग का शानदार अनुभव है, जो आपको प्रकृति के करीब लाएगा और थोड़ी मेहनत के बाद सुंदर दृश्य का फल देगा। एडवेंचर के शौकीन, फॉल्स के नीचे बने प्राकृतिक पूल में तैरने का आनंद भी ले सकते हैं।आसपास का क्षेत्र एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है।
दसम फॉल्स:
नेतरहाट के पास स्थित, दसम फॉल्स सात झरनों की एक श्रृंखला है जो एक खड़ी चट्टान से नीचे गिरती है। झरनों तक का रास्ता घने जंगलों से होकर जाता है, जो इसे वास्तव में एक साहसिक अनुभव बनाता है। दसम फॉल्स, जिसे दशम जलप्रपात भी कहा जाता है, झारखंड राज्य में स्थित एक मनमोहक झरना है। यह रांची से लगभग 40 किलोमीटर दूर रांची-टाटा मार्ग पर तमारा गाँव के पास स्थित है। 144 फीट की ऊंचाई से गिरता यह झरना प्रकृति का अद्भुत नमूना है।
बेतला राष्ट्रीय उद्यान:
कभी छोटानागपुर के महाराजाओं का शिकारगाह, अब बेतला राष्ट्रीय उद्यान एक वन्यजीव अभयारण्य है। बेतला राष्ट्रीय उद्यान, जिसे पहले पलामू टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाता था, भारत के झारखंड राज्य में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह 1974 में स्थापित किया गया था और 1,315 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह उद्यान अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें बाघ, हाथी, गैंडे, भालू, हिरण और कई प्रकार के पक्षी शामिल हैं।
बेतला राष्ट्रीय उद्यान जंगल सफारी के लिए एक शानदार जगह है। आप जीप या हाथी की सवारी पर जा सकते हैं और जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं।
राजराप्पा किला:
राजराप्पा किला, जिसे रजरप्पा किला भी कहा जाता है, भारत के झारखंड राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। यह रांची से लगभग 80 किलोमीटर दूर रामगढ़ जिले में स्थित है। यह किला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह किला 17वीं शताब्दी में राजा रघुनाथ सिंह द्वारा बनवाया गया था। यह किला रामगढ़ राज्य की राजधानी हुआ करता था। किला कई राजवंशों के अधीन रहा है, जिनमें मुगल, मराठा और अंग्रेज शामिल हैं।
वास्तुकला:
राजराप्पा किला पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ है। किला पत्थर और ईंटों से बना है और इसमें कई भव्य इमारतें हैं, जिनमें महल, मंदिर, और किलेबंदी शामिल हैं।
प्राकृतिक सुंदरता:
राजराप्पा किला अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। किले से आसपास के क्षेत्र का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। किले के पास कई झरने और नदियाँ भी हैं।
पर्यटकों के लिए आकर्षण:
राजराप्पा किला पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय आकर्षण है। यहाँ पर्यटक किले की वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। किले के पास कई मंदिर भी हैं, जिनमें माँ छिन्नमस्तिका मंदिर सबसे प्रसिद्ध है।
रॉक गार्डन, रांची:
रांची में हटिया बांध के पास स्थित रॉक गार्डन प्रकृति प्रेमियों और कला उत्साही लोगों के लिए एक अनोखी जगह है। इस बगीचे का निर्माण स्थानीय कलाकारों ने लगभग 50 एकड़ में फैले चट्टानों को तराशकर किया है। यहां बगीचे, झरने, झील और गुफाएं एक अद्भुत अनुभव प्रदान करती हैं।
टैगोर हिल, रांची:
रांची में ही स्थित टैगोर हिल, महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर रखी गई है। 300 फीट की ऊंचाई वाली यह पहाड़ी रॉक क्लाइंबिंग और ट्रेकिंग के लिए लोकप्रिय है। चोटी से शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
तुलुका बांध, लोहरदगा:
लोहरदगा जिले में स्थित तुलुका बांध प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना है। नौका विहार, वाटर स्पोर्ट्स और आसपास के जंगलों में ट्रेकिंग करने के लिए यहां आएं।
यूटोपिया, नेतरहाट:
नेतरहाट हिल स्टेशन का एक लोकप्रिय रिजॉर्ट, यूटोपिया अपने शानदार कमरों, स्वादिष्ट भोजन और आरामदेह वातावरण के लिए जाना जाता है।
जुबिली पार्क, रांची:
जुबिली पार्क रांची, झारखंड में स्थित एक विशाल और मनोरम पार्क है। यह शहर के केंद्र में स्थित है और परिवारों, दोस्तों और जोड़ों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
- विशाल हरित क्षेत्र: जुबिली पार्क में घूमने और आराम करने के लिए एक विशाल हरित क्षेत्र है।
- फव्वारे: पार्क में रंगीन और संगीतमय फव्वारे हैं जो बच्चों और वयस्कों दोनों को आकर्षित करते हैं।
जुबिली पार्क, रांची में फव्वारे
- बच्चों का पार्क: झूले, स्लाइड और अन्य खेल उपकरणों के साथ एक समर्पित बच्चों का पार्क है।
- झील: पार्क में एक सुंदर झील है जहां आप नौका विहार का आनंद ले सकते हैं।
जुबिली पार्क, रांची में झील
- प्राणी संग्रहालय: पार्क में एक छोटा प्राणी संग्रहालय है जिसमें विभिन्न प्रकार के जानवर हैं।
- खानपान: पार्क में कई खानपान की दुकानें हैं जो विभिन्न प्रकार के स्नैक्स और भोजन प्रदान करती हैं।
उम्मीद है जानकारी अच्छी लगी होगी ।