पठार एक समतल और ऊंचा स्थलरूप होता है जो कम से कम एक तरफ़ से आस-पास के क्षेत्र से तेज़ी से ऊपर उठता है। इसकी ऊंचाई आम तौर पर कुछ सौ मीटर से लेकर कई हज़ार मीटर तक होती है। इसके ऊपरी भाग मेज़ की तरह सपाट होते हैं। पठार पहाड़ों, मैदानों, और पहाड़ियों के साथ चार प्रमुख भू-आकृतियों में से एक होते हैं।
विशेषताएं:
- पठारों के ऊपर एक सपाट शीर्ष वाला टेबललैंड होता है।
- इनके लिए ज़रूरी मानदंड कम सापेक्ष राहत और कुछ ऊंचाई होती है।
- पठारों की एक या अधिक भुजाएँ तीव्र ढलान वाली होती हैं।
- पठारों की ऊँचाई प्राय: सौ मीटर से लेकर कई हजार मीटर तक होती है।
- पठार पुराने या नये हो सकते हैं।
- दक्कन का पठार भारत के सबसे पुराने पठारों में से एक है।
- तिब्बत का पठार विश्व का सबसे ऊँचा पठार है।
- पठार में अधिकांश खनिज जैसे सोना, लोहा, हीरा वगैरह पाए जाते हैं।
- पठारों में बड़े घास के मैदान होते हैं जो उन्हें पशु पालन के लिए लाभदायक होते हैं।
- पठारों के ऊपरी भागों में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय दोनों क्षेत्रों में ठंडी जलवायु होती है ।
दुनिया का सबसे बड़ा पठार तिब्बती पठार है, जो एशिया में दस लाख वर्ग मील तक फैला हुआ है। भारत में दक्कन का पठार पुराने पठारों में से एक है।
विश्व के प्रमुख पठार
- ग्रीनलैंड का पठार : अन्ध महासागर के उत्तरी भाग में लगभग 21,75,600 वर्ग किमी क्षेत्र में हिम से ढँका विशाल पठार है । इसे ग्रीनलैंड का पठार कहा जाता है ।
- कोलम्बिया का पठार : यह यू. एस. ए. के ओरगन, वाशिंगटन व इडाहो राज्यों के मध्य 4,62,500 वर्ग किमी क्षेत्र में विस्तृत रूप में फैला है ।
- मैक्सिको का पठार : यह पठार पश्चिम सियारामाद्रे और पूर्वी सियारामाद्रे पर्वत श्रेणियों के मध्य स्थित है ।
- तिब्बत का पठार : यह हिमालय के उत्तर और क्यूनलुन पर्वत के दक्षिण में 4,000 से 5,000 मीटर तक की ऊँचाई पर स्थित है ।
- मंगोलिया का पठार : यह चीन के उत्तरी-मध्य भाग में मंगोलिया गणराज्य में स्थित है ।
- ब्राजील का पठार : दक्षिणी अमेरिका के मध्य पूर्वी भाग में यह पठार त्रिभुजाकार रूप में स्थित है ।
- बोलीविया का पठार : यह पठार 800 किमी लम्बा और 128 किमी चौड़ा तथा इसकी औसत ऊँचाई 3, 110 मीटर है। यह बोलीविया के एण्डीज पर्वतमाला क्षेत्र में विस्तृत रूप में फैला है ।
- अलास्का का पठार : इसका निर्माण यूकन और उसकी सहायक नदियों द्वारा हुई है अतः इसे यूकन का पठार भी कहा जाता है । कनाडा की ओर इसकी ऊँचाई लगभग 900 मीटर है।
- ग्रेट बेसिन का पठारः यह कोलम्बिया पठार के दक्षिण में कोलोरेडो और कोलम्बिया नदियों के मध्य 5,25,000 वर्ग किमी. क्षेत्र में विस्तृत है ।
- कोलोरेडो का पठार : यह ग्रेट बेसिन के दक्षिण में स्थित है तथा इसका विस्तार युटाह और एरीजोना राज्यों में पाया जाता है ।
- दक्कन का पठार : यह पठार दक्षिणी भारत में स्थित है। इसे तीन ओर से पर्वत श्रेणियों ने घेर रखा है । इसके पूर्व में पूर्वी घाट, पश्चिम में पश्चिमी घाट तथा उत्तर में विंध्याचल एवं सतपुड़ा की श्रेणियाँ हैं ।
- ईरान का पठार : इसे एशिया माइनर का पठार या ईरान का मध्यवर्ती पठार भी कहते हैं । इसकी औसत ऊँचाई 900-1, 500 मी. के मध्य है ।
- अरब का पठार : यह दक्षिण-पश्चिम एशिया में स्थित है । इसके पूर्व में फारस की खाड़ी, पश्चिम में लाल सागर, उत्तर-पश्चिम में भूमध्य सागर और दक्षिण में अरब सागर स्थित है ।
- अनातोलिया का पठार : यह टर्की के पेंटिक एवं टॉरस श्रेणियों के मध्य स्थित है । इसे टर्की का पठार भी कहते हैं । इसकी औसत ऊँचाई 800 मीटर है ।
- अबीसीनिया का पठार : यह पठार पूर्वी अफ्रीका के सोमालिया,इथियोपिया एवं जिबूती के क्षेत्र में विस्तृत रूप में फैला है । इन तीनों देशों को संयुक्त रूप से हॉर्न ऑफ अफ्रीका कहा जाता है ।
- मेडागास्कर का पठार : मेडागास्कर द्वीप अफ्रीका के दक्षिण-पूर्व हिन्द महासागर में स्थित है । इस द्वीप के मध्यवर्ती भाग पठारी है, जिसे मेडागास्कर या मालागासी का पठार कहा जाता है ।
- आस्ट्रेलिया का पठार : आस्ट्रेलिया के पश्चिमी भाग में आस्ट्रेलिया का पठार स्थित है । इसकी सामान्य ऊँचाई 180 से 600 मीटर के मध्य है । इस पठार का दक्षिणी भाग मरुस्थलीय है ।
- चियापास का पठार : यह दक्षिणी मैक्सिको में प्रशान्त महासागर के तट पर स्थित है । इसके उत्तर में तबास्को, दक्षिणी-पश्चिम में तेहुआ-न्टेपेक की खाड़ी, पूर्व में ग्वाटेमाला और पश्चिम में ओकस्का और बेराक्रूज स्थित है ।
- मेसेटा का पठार : स्पेन के आइबेरियन प्रायद्वीप पर मेसेटा का पठार स्थित है । इस पठार की औसत ऊँचाई 610 मीटर है।
- इण्डो-चीन का पठार : यह दक्षिणी एशिया के पूर्वी प्रायद्वीप पर स्थित है । इस भाग पर सालविन, सीकांग, मीकांग, मीनाम आदि नदियाँ प्रवाहित होती हैं ।