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हल्दी ( Haldi) एक अनमोल बूटी
Haldi : हल्दी का उपयोग प्राचीन कल से औषधि व पाक कला में महत्त्वपूर्ण रूप में किया जाता है। हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ कार्य हल्दी ( Haldi) के बिना नहीं होता चाहे शादी – विवाह या धार्मिक कार्य हल्दी ( Haldi) का प्रयोग प्राचीन काल से निरंतर होता आ रहा है। हल्दी ( Haldi) का प्रयोग हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण है, यह पाक-कला में ही नहीं बल्कि प्राकर्तिक उपचार में भी काफी प्रयोग किये जाते हैं।
सुखी हल्दी ( Haldi) ही नहीं बल्कि कच्ची हल्दी ( Haldi) भी अत्यंत गुणकारी होती हैं, इसमें एंटीबायोटिक रसायन पाए जाते हैं, जो सौंदर्य प्रसाधन की अनेक उत्पाद जैसे- एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक क्रीम, वीकोटर्मरिक क्रीम, आदि क्रीम बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान रखते हैं।
सौंदर्य प्रसाधन के लिए व रक्त को साफ रकने के लिए हल्दी ( Haldi) एक एंटीबायोटिक है, इसका प्रयोग करने आप चहरे की चमक को बड़ा सकते और मस्तिक व शरीरको स्वस्थ बना सकते हैं, आइये जानते हैं हल्दी ( Haldi) के लाभ।
सौंदर्य प्रसाधन
चेहरे पर होने वाले मुँहासे, कील, सूखापन, झुर्रियाँ, कालापन आदि की समस्या होने पर थोड़ा कच्ची हल्दी ( Haldi) को बारीक पीसकर उस लेप में चंदन, दही, गुलाबजल, नीम का रस डालकर उस पेस्ट को अच्छी तरह मिलायें, जिससे सारे पोस्टिक तत्त्व मिल जाएँ। प्रयोग से पहले चेहरे को अच्छे से गुनगुने साफ पानी से धोलें और यह पेस्ट चहरे पर लगाए, याद रखिये कि जब अच्छी तरह पेस्ट चहरे सूख जाए तो ही रुई व साफ कपड़े से चेहरे को साफ करें।
चोट व मोच में फायदेमंद
बाहरी व अंदरूनी चोट व मोच आने पर शरीर में बाहरी व अंदुरनी चोट व मोच आने पर हल्दी ( Haldi) को दूध के साथ मिलकर पीने से शरीर को आराम मिलता है। यह खून को साफ करता है, जिससे चोटलगने के बाद खून नहीं जमता, जिससे दर्द में कमी और इन्फेक्शन को फैलने से रोकता है। हल्दी ( Haldi) में मौजूद एंटी बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों के कारण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता।
वजन कंट्रोल करे
शरीर के वजन को कम करने में हल्दी ( Haldi) का उपयोग काफी लाभदायक है, हल्दी ( Haldi) में मौजूद तत्त्व शरीर में मौजूद चर्बी को कम करके वजन कम करता है। प्रत्येक प्रातःकाल खली पेट एक माध्यम गिलाश गुनगुने पानी व हल्दी ( Haldi) में स्वादानुसार शहद मिलकर पियें। वजन कम होगा तथा स्वस्थ रहेगा।
दर्द में रहत
शरीर में थकन, सूजन, जोड़ों के दर्द आदि में हल्दी ( Haldi) काफी कारगर है। एक गिलास दूध, एक चम्मच हल्दी, एक चम्मच शहद को बराबर मिलाकर रोज सुबह पीने से शरीर में मौजूद विषैले नष्ट हो जाते हैं।दिमाग के बीमारियों में
दिमाग के बीमारियों से बचाने के लिए जिस ब्रेन- डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर की आवश्यक्ता होती है, वह हल्दी ( Haldi) में मौजूद कर्कमिन तत्त्व से ही मिलता है। इसका प्रयोग सुबह करने से दिमाग स्वस्थ होता है, जिससे शरीर को शक्ति मिलती है और बीमारियों दूर हो जाती हैं।
दाँत दर्द
दाँत दर्द एक ऐसी समस्या है, इसके होने पर व्यक्ति दर्द से करता रहता है, ना वह खा सकता है, ना ही कुछ पी सकता है। दाँत दर्द के कारण बुखार, शरीर टूट जाता है। दाँत दर्द में तुरंत रहत के लिए साबुत हल्दी ( Haldi) की सुखी गाँठ को आग में अच्छी से भून लें । फिर भुने हुए हल्दी ( Haldi) को अच्छे से पीस कर पावर बना लें, उसमें दो चम्मच पिसी हुई सफेद फिटकरी और 100 ग्राम बारीक पिसा हुआ नमक मिलाकर रख लें।
प्रत्येक दिन 2 बार सुबह और शाम को आधा चम्मच यह पाउडर लें और 8-10 बूँद सरसों का तेल मिलाकर मंजन करें। दाँतों में होने वाली समस्या जैसे— पानी लगना, हिलना, दाँतों का कालापन दर्द दूर होगा। 2 चम्मच हल्दी, 1 / 2 किलो दही (बिना बिना मलाई वाले) में मिलाकर दिन में 3-4 बार खायें।
चोट लगने पर हल्दी ( Haldi) पावर, लहसन को भून के पीस लें, और तेल में गरम करने ठंडा होने के बाद मालिश करें।
हल्दी ( Haldi) और शहद के फायदे-
- आधी चम्मच हल्दी ( Haldi) पाउडर को हल्का आग में भूनकर शहद के साथ लेने से गला बैठना व खाँसी में तुरंत लाभ होता है। इसके अलावा हल्दी ( Haldi) के चूर्ण में आँवले का रस 8- 10 ग्राम और उसमें शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से खाँसी में रहत मिलेगी।
- कमर दर्द या सिरदर्द हो तो एक चम्मच पिसी हुई कच्ची हल्दी ( Haldi) को एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पीने से शरीर होने वाले दर्द में आराम मिलता है मीठे के लिए केवल शहद का ही प्रयोग करें।
- मधुमेह रोग में हल्दी ( Haldi) और मेथी के दानों का चूर्ण सुबह पानी के साथ सेवन करने से बहुत फायदा होता है।
यदि त्वचा कट जाए तो हल्दी ( Haldi) के पाउडर को लगाने से खून का बहना बन्द हो जाता है और इन्फेशन नहीं फलता।
सोने से पहले हल्दी ( Haldi) दूध लाभ
- एक चम्मच हल्दी ( Haldi) को एक गिलास गर्म दूध के साथ पीने से हड्डियाँ मजबूत रहती है और अस्थमा भी कंट्रोल में रहता हैं।
- हल्दी ( Haldi) का चूर्ण 3 ग्राम और सेंधा नमक 2 ग्राम मात्रा में मिलाकर हल्के गर्म जल से लेने से पेट की गैस से मुक्ति मिलती हैं।
- पेट में जलन, खट्टी डकारें, एसिडिटी होने पर हल्दी ( Haldi) के साथ काली मुनक्का, इन दोनों को मिलाकर लेने से भी गैस की समस्या समाप्त हो जाती हैं।
मुलेठी
मुलेठी प्राकृतिक द्वारा प्रदान मुलेठी एक अनमोल बूटीन किया गया बहुत फायदेमंद वनस्पति है, मुलेठी का प्रयोग प्राचीन काल से कई रोगों के इलाज में निरंतर प्रयोग होता रहा है। मुलेठी देखने में बाहर की तरफ से भूरा और अंदर से पीला और स्वाद इन मीठा है। आयुर्वेद के अनुसार मुलेठी अपने प्रभावी गुणों के कारण मानव शरीर में उत्पन्न दोषों जैसे वात, कफ और पित्त को समाप्त करने में उपयोगी है। मुलेठी का सेवन करने से आँतों के अल्सर, कैंसर तथा पाचनक्रिया सम्बन्धी बिकार समाप्त हो जाते हैं।
थायराइड के मरीजों को थकान बड़ी जल्दी लगने लगती है और वे जल्दी ही थक जाते हैं ऐसे में मुलेठी का सेवन थायराइड के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। मुलेठी में मौजूद तत्त्व थायराइड ग्रंथी को संतुलित बनाते हैं, जिससे शरीर को ऊर्जा प्रदान करती हैं । मुलेठी आयुर्वेदिक उपहार है, जो कई खतरनाक रोगों के इलाज में प्रयोग किया जाता है, जितना भी संभव हो मुलेठी को हर उम्र के व्यक्ति को अपने दिनचर्या में इसका सेवन करना चाहिए।
मुलेठी के कुछ विशेष प्रकार के फायदे इस प्रकार हैं-
शरीर की थकावट, मुँह का सुखना एक साधारण बात है, लेकिन यदि आपको ऐसा महसूस होता है कि आपका मुँह सूख गया है तो आप मुलेठी को मुँह में रखकर चबाते रहें, इससे मुँह का सूखापन दूर हो जाता है।
गले समस्याओं जैसे खरास, गले में दर्द, सूखी खाँसी आदि में यह बहुत फायदेमंद है, आप मुलेठी को मुँह में रखें और चूसते रहें, यह गले को ठीक करने के साथ आवाज को मधुर बनाती है। सूखी खाँसी में मुलेठी पाउडर और काली मिर्च पाउडर के साथ इसका प्रयोग करने से काफी राहत मिलती है।
मुलेठी के जड़ बहुत ही फायदेमंद होते हैं, जो कि पेट के घाव और अल्सर को ठीक करने में बहुत ही कारगर औषधि है।मुलेठी प्राकृतिक रूप से हर्बल होती है, जो कि चेहरे में होने वाले मुँहासे, दाग, कालापन आदि सभी तरह की समस्याओं को दूर करने में बहुत ही मदद करती है।
अगर किसी व्यक्ति को भूख नहीं लग रही हो तो इस समस्या में मुलेठी को चूस लें, साथ ही प्रत्येक सुबह एक चमच मुलेठी चूर्ण को पानी के साथ पीने से पेट साफ शरीर हल्का हो जाता है।
मुँह के छाले होने पर मुलेठी के चूर्ण को लेप बनाकर उसे छले पर लगाने से जल्दी ठीक करने में मदद करता है।
मुलेठी बहुत ही फायदेमंद आयुर्वेदिक देन है यह जरूरी नहीं है कि जब आप बीमार हो, तभी इसका प्रयोग करेंमुलेठी का इस्तेमाल हमें हमेशा करना चाहिए यह शरीर को घातक बीमारियों से बचाता है तथा हमारी पाचन क्रिया को भी ठीक रखता है।
मुलेठी की चाय अनेक औषधिक गुणों का जिक्र हमारे आर्युवेद में काफी किया गया है। यदि संभव हो तो प्रत्येक प्रातःकाल मुलेठी की चाय का प्रयोग करें।
साधारण चाय को तरह मुलेठी के पाउडर को उबलते हुए पानी में डालें साथ ही थोड़ी सी चायपत्ती डालें, फिर चाय को अच्छे से पक्के स्वाद अनुसार मिठास के लिए शहद का प्रयोग करें । मुलेठी चाय आप को स्वस्थ रखने से साथ आप के मोटापे को भी कम करने में मदद करेगी।
सावधानी
यदि आप को बीपी, मधुमेह त्वचा सम्बन्धी रोग हैं या कोई अन्य रोगों का उपचार चल रहा है तो आप को मुलेठी व अन्य उपचार के लिए डॉक्टर की राय लेना अनिवार्य है।
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